मैं औऱ मेरी तनहाई
*🥃 मैं औऱ मेरी तनहाई,*
*अक्सर ये बाते करते है..*
*ज्यादा पीऊं या कम,*
*व्हिस्की पीऊं या रम।*
*या फिर तोबा कर लूं..*
*कुछ तो अच्छा कर लूं।*
*हर सुबह तोबा हो जाती है,*
*शाम होते होते फिर याद आती है।*
*क्या रखा है जीने में, असल मजा है पीने में।*
*फिर ढक्कन खुल जाता है,*
*फिर नामुराद जिंदगी का मजा आता है।*
*रात गहराती है,*
*मस्ती आती है।*
*कुछ पीता हूं,*
*कुछ छलकाता हूं।*
*कई बार पीते पीते,*
*लुढ़क जाता हूं।*
*फिर वही सुबह,*
*फिर वही सोच।*
*क्या रखा है पीने में,*
*ये जीना भी है कोई जीने में!*
*सुबह कुछ औऱ,*
*शाम को कुछ औऱ।*
*थोड़ा गम मिला तो घबरा के पी गए,*
*थोड़ी ख़ुशी मिली तो मिला के पी गए,*
*यूँ तो हमें न थी ये पीने की आदत…*
*शराब को तनहा देखा तो तरस खा के पी गए।*
*मधुशाला*
अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये
काशी के वासी रहें हम हो गए अनाथ
काशी के वासी रहें, हम हो गए अनाथ,
गंगा मैया छुट गयीं, छुटे भोले नाथ |
काशी के ढ़ग छुट गए,चाई मुग़ल सरायं
जरा ध्यान दे जेब पर माल हजम कर जाए |
रांड सांड सीढ़ी छुटल, सन्यासी सतसंग,
गली घाट सब छुट गयल, होए गए मतिमंद |
पंडा के छतरी छुटल, गंगा जी के नीर,
चना चबैना भी छुटल, फूट गयल तक़दीर |
बालू के रेता छुटल, और नैया के सैर,
ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर |
आय बसें परदेश में, चिकना होगया चाँद,
लडकन के महकै लगल, घर बर्धन के नाद |
ना केहू के खबर बा, ना केहू के हाल,
सोचत सोचत रात दिन हो जाए बेहाल |
के के बनारस के मिस्स करत हव ।।
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई
🌷 वाह रे जमाने तेरी हद हो गई, 🌷🌷
🌷 बीवी के आगे माँ रद्द हो गई !🌷
🌷 बड़ी मेहनत से जिसने पाला,🌷
🌷 आज वो मोहताज हो गई !🌷
🌷 और कल की छोकरी, 🌷
🌷 तेरी सरताज हो गई !🌷
🌷 बीवी हमदर्द और माँ सरदर्द हो गई !🌷
🌷 🌷वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!!🌷🌷
🌷 पेट पर सुलाने वाली, 🌷
🌷 पैरों में सो रही !🌷
🌷 बीवी के लिए लिम्का,🌷
🌷 माँ पानी को रो रही !🌷
🌷 सुनता नहीं कोई, वो आवाज देते सो गई !🌷
🌷 वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!!🌷🌷
🌷 माँ मॉजती बर्तन, 🌷
🌷 वो सजती संवरती है !🌷
🌷 अभी निपटी ना बुढ़िया तू , 🌷
🌷 उस पर बरसती है !🌷
🌷 अरे दुनिया को आई मौत, 🌷
🌷 तेरी कहाँ गुम हो गई !🌷
🌷🌷वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!🌷🌷
🌷अरे जिसकी कोख में पला, 🌷
🌷 अब उसकी छाया बुरी लगती,🌷
🌷 बैठ होण्डा पे महबूबा, 🌷
🌷 कन्धे पर हाथ जो रखती,🌷
🌷वो यादें अतीत की, 🌷
🌷 वो मोहब्बतें माँ की, सब रद्द हो गई !🌷
🌷🌷वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!🌷🌷
🌷 बेबस हुई माँ अब, 🌷
🌷 दिए टुकड़ो पर पलती है,🌷
🌷अतीत को याद कर, 🌷
🌷 तेरा प्यार पाने को मचलती है !🌷
🌷 अरे मुसीबत जिसने उठाई, वो खुद मुसीबत हो गई !🌷
🌷 🌷वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!🌷🌷
🌷 मां तो जन्नत का फूल है,🌷
🌷प्यार करना उसका उसूल है ,🌷
🌷दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है ,🌷
🌷 मां की हर दुआ कबूल है ,🌷
🌷 मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है 🌷
🌷 मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है ,❤
🌷अगर अपनी मां से है प्यार तो 🌷
🌷 अपने सभी दोस्तो को सेन्ड करे वरना ,🌷
🌷 🌷ये मेसेज आपके लिये फिजूल है.🌹🌷