_*Beautiful poem by*_

✍हरिवंशराय बच्चन✍
_*मंजिल मिले ना मिले*_

_*ये तो मुकदर की बात है!*_

_*हम कोशिश भी ना करे*_

_*ये तो गलत बात है…*_

_*जिन्दगी जख्मो से भरी है,*_

_*वक्त को मरहम बनाना सीख लो,*_

_*हारना तो है एक दिन मौत से,*_

_*फिलहाल  जिन्दगी जीना सीख लो..!!*_

??शुभ रात्री ??