Shayariमेरी जिन्दगी को तन्हाई ढूँढ लेती हैPosted on July 31, 2017October 12, 2023zokeswhatsappCommentमेरी जिन्दगी को तन्हाई ढूँढ लेती है, मेरी हर खुशी को रुसवाई ढूँढ लेती है, ठहरी हुई हैं मंजिलें अंधेरों में कबसे, मेरे जख्म को गमे-जुदाई ढूँढ लेती है! Post Views: 388