Shayariयह जो हिज्र मेंPosted on July 12, 2017October 12, 2023zokeswhatsappCommentयह जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं, कभी सबा को कभी नामबर को देखते हैं, वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है, कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं। Post Views: 339