Shayariतुमने चाहा ही नहीं…Posted on July 15, 2017October 12, 2023zokeswhatsappCommentतुमने चाहा ही नहीं ये हालात बदल सकते थे, तुम्हारे आँसू मेरी आँखों से भी निकल सकते थे, तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह बस, दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे। Post Views: 280