Shayariकाँच की तरहPosted on July 8, 2017October 11, 2023zokeswhatsappCommentटूटे हुए काँच की तरह चकना-चूर हो गया हूँ किसी को चुभ न जाऊँ इसलिए सबसे दूर हो गया हूँ। Post Views: 409