Shayariउल्फत का यह दस्तूर…Posted on July 21, 2017August 21, 2023zokeswhatsappCommentउल्फत का यह दस्तूर होता है,जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है,दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे,कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है! Post Views: 246