Shayariअभी काँच हूँ इसलिए दुनिया को चुभता हूँPosted on July 26, 2017October 11, 2023zokeswhatsappCommentअभी काँच हूँ इसलिए दुनिया को चुभता हूँ, जब आइना बन जाऊँगा… पूरी दुनिया देखेगी। Post Views: 477