मुझको ऐसा दर्द….

मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं,
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए,

जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं.

नहीठोकर ना लगा मुझे पत्थर  हूँ मैं….

नहीठोकर ना लगा मुझे पत्थर  हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,

मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं.

दिल जब टूटता….

दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती!
हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती!
ये तो अपने-अपने नसीब की बात है!
कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!

किसी के दिल पे क्या गुजरी….

किसी के दिल पे क्या गुजरी हे वो अनजान क्या जाने,
प्यार किसको कहते हे वो नादान क्या जाने,
हवा के साथ उठा ले गया घर का परिंदा,

केसे बना था ये घोसला वो तूफान क्या जाने.

जब ठेस लगती है….

लोग डूबते हैं तो समंदर को दोष देते हैं,
मंजिल न मिले तो मुकद्दर को दोष देते हैं,
खुद तो संभल कर चल नहीं सकते,
जब ठेस लगती है तो पत्थर को दोष देते हैं।

प्यास दिल की….

प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं,
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,
बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं।