​सरकारी आंकड़े कहते हैं कि

सरकारी आंकड़े कहते हैं कि.. हमारी आने वाली पीढ़ियां

टाइगर नही देख पाएंगी !

.

तो…..

हम क्या करें ! हमने भी तो डायनासौर नही देखा .😀

.

कभी शिकायत की क्या हमने.. नहीं ना,

तो मुद्दे की बात यह है कि

हमारे देश में 1000 लडकों पर सिर्फ 940 लडकियाँ बची है ।

.

इसलिए

SAVE GIRLS

टाइगर बाद में बचा लेंगे ।😀

.

बाइक पे पीछे पत्नी बैठानी है  टाइगर नही !😂😂

जनहित में जारी ….👭😂😂

एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था

*एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था।*

*जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुच जाता।*

*पेड के उपर चढ़ता,आम खाता,खेलता और थक जाने पर उसी की छाया मे सो जाता।*

*उस बच्चे और आम के पेड के बीच एक अनोखा रिश्ता बन गया।*
*बच्चा जैसे-जैसे बडा होता गया वैसे-वैसे उसने पेड के पास आना कम कर दिया।*

*कुछ समय बाद तो बिल्कुल ही बंद हो गया।*
*आम का पेड उस बालक को याद करके अकेला रोता।*

*एक दिन अचानक पेड ने उस बच्चे को अपनी तरफ आते देखा और पास आने पर कहा,*

*”तू कहां चला गया था? मै रोज तुम्हे याद किया करता था। चलो आज फिर से दोनो खेलते है।”*
*बच्चे ने आम के पेड से कहा,*

*”अब मेरी खेलने की उम्र नही है*

*मुझे पढना है,लेकिन मेरे पास फीस भरने के पैसे नही है।”*
*पेड ने कहा,*

*”तू मेरे आम लेकर बाजार मे बेच दे,*

*इससे जो पैसे मिले अपनी फीस भर देना।”*
*उस बच्चे ने आम के पेड से सारे आम तोड़ लिए और उन सब आमो को लेकर वहा से चला गया।*

*उसके बाद फिर कभी दिखाई नही दिया।*

*आम का पेड उसकी राह देखता रहता।*
*एक दिन वो फिर आया और कहने लगा,*

*”अब मुझे नौकरी मिल गई है,*

*मेरी शादी हो चुकी है,*

*मुझे मेरा अपना घर बनाना है,इसके लिए मेरे पास अब पैसे नही है।”*
*आम के पेड ने कहा,*

*”तू मेरी सभी डाली को काट कर ले जा,उससे अपना घर बना ले।”*

*उस जवान ने पेड की सभी डाली काट ली और ले के चला गया।*
*आम के पेड के पास अब कुछ नहीं था वो अब बिल्कुल बंजर हो गया था।*
*कोई उसे देखता भी नहीं था।*

*पेड ने भी अब वो बालक/जवान उसके पास फिर आयेगा यह उम्मीद छोड दी थी।*
*फिर एक दिन अचानक वहाँ एक बुढा आदमी आया। उसने आम के पेड से कहा,*

*”शायद आपने मुझे नही पहचाना,*

*मैं वही बालक हूं जो बार-बार आपके पास आता और आप हमेशा अपने टुकड़े काटकर भी मेरी मदद करते थे।”*
*आम के पेड ने दु:ख के साथ कहा,*

*”पर बेटा मेरे पास अब ऐसा कुछ भी नही जो मै तुम्हे दे सकु।”*
*वृद्ध ने आंखो मे आंसु लिए कहा,*

*”आज मै आपसे कुछ लेने नही आया हूं बल्कि आज तो मुझे आपके साथ जी भरके खेलना है,*

*आपकी गोद मे सर रखकर सो जाना है।”*
*इतना कहकर वो आम के पेड से लिपट गया और आम के पेड की सुखी हुई डाली फिर से अंकुरित हो उठी।*
*वो आम का पेड़ हमारे माता-पिता हैं।*

*जब छोटे थे उनके साथ खेलना अच्छा लगता था।*

*जैसे-जैसे बडे होते चले गये उनसे दुर होते गये।*

*पास भी तब आये जब कोई जरूरत पडी,*

*कोई समस्या खडी हुई।*
*आज कई माँ बाप उस बंजर पेड की तरह अपने बच्चों की राह देख रहे है।*
*जाकर उनसे लिपटे,*

*उनके गले लग जाये*

*फिर देखना वृद्धावस्था में उनका जीवन फिर से अंकुरित हो उठेगा।*
कहानी अच्छी लगी हो तो कृपया share zaroor karen