सिपाही घटना स्थल से थानेदार को फोन
कौन कहता है
ज़िन्दगी में नाम हो बदनाम हो पर गुमनाम ना हो
बीवी का दिमाग
*बीवी का दिमाग*:
बीवी गांव वाली हो या पढ़ी-लिखी, सभी औरतों का दिमाग ऊपर वाला एक ही फैक्टरी में बनाता है !!!!
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*आप उस दिमाग को जानना चाहते हैं ना..*
➡चावल में पानी ज्यादा हुआ तो…
? – *”चावल नया था,”*
➡रोटियाँ कड़क हो गई तो…
?- *”कमबख्त ने अच्छा आटा पीस कर ही नहीं दिया,”*
➡चाय ज्यादा मीठी हो गयी…
? *- “शक्कर ही मोटी थी”*
चाय पतली हो गयी तो …
? *”दूध में पानी ज्यादा था,”*
➡शादी या किसी Function में जाते समय…
? *-“कौन सी साड़ी पहनूं..?”*
*”मेरे पास अच्छी साड़ी ही नहीं है !”*
➡घर पर जल्दी आ गए तो…
? *-“आज जल्दी कैसे आ गए ?”*
➡लेट हो गए तो….
? – *”इतने वक़्त तक कहाँ थे ?”*
➡कोई चीज सस्ती मिल जाए तो…
? *- “तुमको सभी फंसा देते हैं” …*
➡महंगी लाई तो…
? *-“तुमको किसने कहा था लाने को ?”*
➡खाने की तारीफ़ कर दो तो…
? *-“मैं तो रोज ऐसा ही खाना बनाती हूँ.”*
➡खाने को गलत कहा तो…
? *- “तुमको तो मेरी कदर ही नहीं”….*
➡कोई काम करो तो…
? *- “एक काम कभी ढंग से करते नहीं..”.*
➡और न किया तो…
? – *”तुम्हारे भरोसे रहे तो कोई काम नहीं होने वाला.”..*
नुस्खा यह है कि…?
1 )खुद का ध्यान रखें,
2) शांत रहने का प्रयास करें.
3) डरना नहीं,
4) ईश्वर आपके साथ है…
सभी विवाहित पुरुषों को प्रेषित?
*नोट: बीवी ने मैसेज पढ़ा तो इसके जिम्मेदार आप खुद।*
डॉक्टर: ‘तुम पागल कैसे हुए
डॉक्टर: ‘तुम पागल कैसे हुए…??’
पागल: मैंने एक विधवा से शादी की,
उसकी जवान बेटी से मेरे बाप ने शादी कर ली…!!
इस तरह मेरा बाप मेरा दमाद बन गया…!!
और मेरी बेटी मेरी मां बन गई…!!
उनके घर बेटी हुर्इ तो वो मेरी बहन हुई,
पर मैं उसकी नानी का शौहर था,
इसीलिये वो मेरी नवासी भी हुई…!!
इसी तरह मेरा बेटा अपनी दादी का भाई बन गया,
और मैं अपने बेटे का भांजा
और मेरा बेटा अपने दादा का साला बन गया
और..
डॉक्टर: ‘चुप कर साले….
तु मुझे भी पागल करेगा क्या…??’
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मोहल्ले भर की औरतों ?ने पिकनिक पर जाने का प्रोग्राम बनाया।
मोहल्ले भर की औरतों ?ने पिकनिक पर जाने का प्रोग्राम बनाया।
“only ladies ! खूब मस्ती करेंगे !! yippi ii”
रास्ते में बस खाई में गिर गयी। कोई भी नहीं बची।
सारी औरतो के पति रो रहे थे और लगभग एक हफ्ता तक रोते ही रहे।
पर गुल्लू दो हफ्ते तक रोता रहा !
एक बोला, “देखो कित्ता प्यार करता था अपनी बीवी को।”
दूसरा सांत्वना देते हुए, “गुल्लू भाई चुप हो जाओ। जीवन इसी का नाम है। यहाँ सब मुसाफिर हैं। आज वो गए कल हमने जाना है। जाने वालों का गम नहीं करते। इतना क्यों रो रहे हो ??”
गुल्लू : “चुप करो हरामखोरों !
मेरी बीवी की बस छूट गयी थी ……….. !!”
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