हमारा staTus पढ़ते ही लोग दहशत मेँ आ जाते हैँ
देख पगली एक तो प्यारी सी Photo उपर से Hero वाली अदा
अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये
मत इन्तेजार करवाओ हमें इतना
मनुष्य कितना मूर्ख है
*मनुष्य कितना मूर्ख है |*
*👌प्रार्थना करते समय समझता है कि प्रभू सब सुन रहा है,
*👉पर निंदा करते हुए ये भूल जाता है।
*👌पुण्य करते समय यह समझता है कि प्रभू देख रहा है,
*👉पर पाप करते समय ये भूल जाता है।
*👌दान करते हुए यह समझता है कि प्रभू सब में बसता है,
*👉पर चोरी करते हुए ये भूल जाता है।
*👌प्रेम करते हुए यह समझता है कि पूरी दुनिया प्रभू ने बनाई है,
*👉पर नफरत करते हुए ये भूल जाता है।
*👌..और हम कहते हैं कि मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणी है। “
जीवन गणित है
मैं और मेरी तनहाई
शरारतें करने का मन अभी भी करता है
वक्त ने तराशा तो बहुत, कि हीरा बन जाऊँ
बहुत शानदार बात लिखी
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*बहुत शानदार बात लिखी*
गाँव में *नीम* के पेड़ कम हो रहे है घरों में *कड़वाहट* बढती जा रही है !
जुबान में *मीठास* कम हो रही है,
शरीर मे *शुगर* बढती जा रही है !
किसी महा पुरुष ने सच ही कहा था की जब *किताबे* सड़क किनारे रख कर बिकेगी और *जूते* काँच के शोरूम में तब समझ जाना के लोगों को ज्ञान की नहीं जूते की जरुरत है।
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एक मनोवैज्ञानिक ने स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में
एक मनोवैज्ञानिक ने स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों को समझाया..
उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया…
(सभी ने समझा की अब “आधा खाली या आधा भरा है”.. यही पूछा और समझाया जाएगा… )
मगर मनोवैज्ञानिक ने पूछा.. कितना वजन होगा इस ग्लास में भरे पानी का… ? ?
सभी ने… 300 से 400 ग्राम तक अंदाज बताया…
मनोवैज्ञानिक ने कहा…
कुछ भी वजन मान लो…
फर्क नहीं पड़ता…
फर्क इस बात का पड़ता है… कि मैं कितने देर तक इसे उठाए रखता हूँ…
अगर मैं इस ग्लास को एक मिनट तक उठाए रखता हूँ… तो क्या होगा ?
शायद कुछ भी नहीं…
अगर मैं इस ग्लास को एक घंट तक उठाए रखता हूँ…
तो क्या होगा?
मेरे हाथ में दर्द होने लगे… और शायद अकड़ भी जाए…
अब अगर मैं इस ग्लास को एक दिन तक उठाए रखता हूँ… तो ? ?
मेरा हाथ…
यकीनऩ, बेहद दर्दनाक हालत में होगा, हाथ पैरालाईज भी हो सकता है और मैं हाथ को हिलाने तक में असमर्थ हो जाऊंगा…
लेकिन…
इन तीनों परिस्थितियों में ग्लास के पानी का वजन
न कम हुआ… न ज्यादा..
“चिंता और दुःख का भी जीवन में यही परिणाम है”…।
यदि आप अपने मन में इन्हें एक मिनट के लिए रखेंगे…
आप पर कोई दुष्परिणाम नहीं होगा…
यदि आप अपने मन में इन्हें एक घंटे के लिए रखेंगे…
आप दर्द और परेशानी महसूस करने लगेंगें…
लेकिन
यदि आप अपने मन में इन्हें पूरा पूरा दिन बिठाए रखेंगे…
ये चिंता और दुःख…
हमारा जीना हराम कर देगा… हमें पैरालाईज कर के कुछ भी सोचने – समझने में असमर्थ कर देगा…
और याद रहे…
इन तीनों परिस्थितियों में चिंता और दुःख…
जितना था, उतना ही रहेगा…
इसलिए…
यदि हो सके तो…
अपने चिंता और दुःख से भरे “ग्लास” को…
एक मिनट के बाद…
नीचे रखना न भूलें…
|| सुखी रहें, स्वस्थ रहें ||
*Power of Positive Thinking*??????
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे !!*
दुनिया में सिर्फ #Dil ही है
Whenever it rains, I feel U
विचार ऐसे रखो कि तुम्हारे
?????????
_*कुछ बोलने*_
_*और*_
_*तोड़ने में*_
_*केवल*_
_*एक पल लगता है..,*_
_*जबकि*_
_*बनाने और मनाने में*_
_*पूरा जीवन लग जाता है।*_
_*प्रेम सदा माफ़ी*_
_*माँगना पसंद करता है,*_
_*और*_
_*अहंकार सदा माफ़ी*_
_*सुनना पसंद करता है..!*_
? ?
?????????
*विचार ऐसे रखो कि तुम्हारे*
*विचारो पर भी किसी को विचार करना पड़े*
*समुद्र बनकर क्या फायदा*
*बनना है तो तालाब बनो*
*जहाँपर शेर भी पानी पीयें तो*
*गर्दन झूकाकर*
?????????
? सुप्रभात?
?आप का दिन शुभ हो?
सुंदर वाक्य
स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है
*Nice lines*
*स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,*
*गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,*
*दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,* *और* *आज के इंसान में सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं*
*Kisi ne kya khoob kaha hai* :
*ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हू फिर भी मै ना जाने क्यु हर रोज कमाने जाता हू….*✍….
*?सुप्रभात?*