“कुल्हड़ में चाय”⚱

हिन्दी के एक महान लेखक 👨🏼👨🏼👨🏼👨🏼👨🏼‍🏫हमेशा मिट्टी के कुल्हड़ में चाय पीते थे।

एक बार उनके मित्र ने पूछा कि, चीनी मिट्टी का कप ☕इतना खुबसूरत, चिकना और चमकीला होता है ।

फिर भी तुम इसे छोड़ कर बेडोल , बदसूरत मिट्टी के कुल्हड़ में चाय पीते हो आखिर क्यों ?

लेखक ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया, देखो भाई, कप जो है वह गोरी अंगरेजी मेम है… 👱🏻‍♀

दिनभर पता नहीं कितनों के होंठों से लगती है..

परन्तु कुल्हड़ शुद्ध भारतीय नारी है… 👩🏻

जो केवल एक की ही हो के खतम हो जाती है।

👏👏👏